उन्हे कोई और भी

उन्हे कोई और भी चाहे..

इस बात से हम थोङा- थोङा जलते हैं…!

ग़ुरुर है हमें इस बात पर..कि

सब हमारी पसंद पर ही क्यूँ मरते हैं|

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