जिंदगी में आज भी

कुछ करना है, तो डटकर चल,
थोड़ा दुनियां से हटकर चल,

लीक पर तो सभी चल लेते है,
कभी इतिहास को पलटकर चल,

बिना काम के मुकाम कैसा ? बिना मेहनत के, दाम कैसा ?

जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
तो राह में, राही आराम कैसा ?

अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
ना कोई बहाना रख !
लक्ष्य सामने है, बस उसी पे अपना ठिकाना रख !!

सोच मत, साकार कर,
अपने कर्मो से प्यार कर !

मिलेगा तेरी मेहनत का फल,
किसी ओर का ना इंतज़ार कर !!

जो चले थे अकेले उनके पीछे आज मेले है
जो करते रहे इंतज़ार उनकी
जिंदगी में आज भी झमेले है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *