बात हुई थी

बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की..
बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..

यादों के सहारे

यादों के सहारे दुनिया नही चलती,

बिना किसी शायर के महफ़िल नही बनती,

एक बार पुकारो तो आए दोस्तों,

क्यों की दोस्तों के बिना ये धड़कने नही चलती…

झूठ बोलते है वो

झूठ बोलते है वो…
जो कहते हैं,
हम सब मिट्टी से बने हैं
मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ जो पत्थर के बने हैं

आज मैं भेज

आज मैं भेज रहा हूँ एक सबसे ज्यादा गहराई वाला शेर भेज रहा हूँ

अगर पसन्द आये तो शाबाशी अवश्य दीजियेगा

ऐ ख़ुदा हिन्दोस्ताँ को बख़्श ऐसे आदमी
जिनके सर में मग़ज़ हो और मग़ज़ में ताबिन्दगी